मैंने एक कविता लिखी है।
झूठ –झूठ 🤥
झूठा कही का!! 😠
सच्ची मैं लिखी है। ✍️
मैं नहीं मानती!! 😒
तुम्हे कंप्यूटर गेम से फुर्सत मिले तब न। 🎮
वैसे भी ये सब तेरे बस का नहीं है। 🤷♂️
अरे लिखी है, सुनो तो सही। 👂
“लोग इश्क़ में जान देने की बात करते हैं, पर देता कोई नहीं।” 💔
“हम तो हथेली पर जान लिए बैठे हैं रात से,” 🕒
“मगर कोई हमारे साथ ‘Medal of Honor Warfighter’ गेम ही खेलता नहीं।” 🎮😅
अरे वाह्ह –वाह्ह तो कहो। 👏😊