बदला, कभी नहीं भूलूंगा,
वापस आऊंगा, यही कहूंगा।
जो सहा है मैंने इस जहां में,
वह सब मैं लौटाऊंगा।
ऐसा बदला, जो जमाना देखेगी,
हर एक नजर, हर एक कहानी कहेगी।
मैं अपने दम से ऐसा कर दिखाऊंगा,
इतिहास भी कांप जाएगा, जब आऊंगा।
दर्द जो मैंने पीया है घूंट-घूंट,
अब उस दर्द का रंग दिखाऊंगा ताबड़तोड़।
हर ज़ख्म का हिसाब, हर दर्द का मुक़ाबला,
मैं खड़ा रहूंगा, जमाना देखेगा तमाशा।
सब का बदला, सब कुछ का चुकाऊंगा,
हर एक जख्म का अब हिसाब लाऊंगा।
अब नहीं कोई रोक सकेगा मुझे,
अपनी ताकत से दुनिया झुकाऊंगा।
आंधियों सा जोश, तूफानों सा बल,
जब लौटूंगा मैं, कांपेगा यह पल।
मैं इतिहास में अपना नाम लिखाऊंगा,
जब लौटूंगा अपनी पर, सब कुछ बदल दूंगा।