ज़िंदगी की नौकरी

नौकरी में उलझी ज़िंदगी, कहाँ जीने का जूनून। समय का न मिलना, जैसे, हर पल बन जाए एक सज़ा। तन्हा दिल, तन्हा सफर, सब कुछ होकर भी अकेले, पराया जगह काट खाता, यादों में बस माँ ही बसी रहती। मुस्कुराती उसकी सूरत, दिल को चैन सी देती है, दो पैसे कमाना ज़रूरी, पर क्या यह…

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