“गाँव की यादों में बसी जिंदगी”

गाँव का जीवन, वो मासूम कहानी, जहाँ सुबह की धूप में मिलती थी रोटी, पेड़ों की छांव में बचपन बीता, और खेतों की मिट्टी में जिंदगी सजी। गाँव था वो, जहाँ दिल की धड़कन, कभी बैलगाड़ी की लय में थिरकन, जहाँ हर गली में होती थी पहचान, हर एक चेहरा था अपनों का निशान। पर…

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